Diwali Pooja Vidhi

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है। भक्त लोग मां लक्ष्मी और श्री गणेश जी से शांति, तरक्की और समृद्धि का वरदान मांगते हैं। भगवान गणेश और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भक्त तन-मन-धन से पूजा करते हैं। माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तो पर कृपा बरसाती हैं। इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणपति एवं ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है। दिवाली की रात सर्वार्थ सिद्धि की रात मानी जाता है। इस दिन की गई पूजा और अनुष्ठान बहुत शुभता प्रदान करते हैं। दिवाली के दिन पूजा शुभ मुहूर्त और विधिवत रूप से ही करनी चाहिए।  दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा में कोई कमी न रह जाए, इसके लिए पूजन सामग्री लिस्ट पहले से तैयार कर लें।

आइए जानते हैं कि दिवाली पर किस तरह करना चाहिए मां लक्ष्मी का पूजन, क्या सामग्री है जरूरी और क्या है पूजा का विधान-


पूजन सामग्री : लकड़ी की चौकी ,चौकी को ढकने के लिए लाल या पीला कपड़ा, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां/चित्र, कुमकुम, चंदन , हल्दी, रोली , अक्षत, पान और सुपारी, साबुत नारियल अपनी भूसी के साथ ,अगरबत्ती, दीपक के लिए घी, पीतल का दीपक या मिट्टी का दीपक, कपास की बत्ती, पंचामृत, गंगाजल, पुष्प, फल, कलश, जल, आम के पत्ते, कपूर, कलाव, साबुत गेहूं के दाने, दूर्वा घास, जनेऊ, धूप, एक छोटी झाड़ू , दक्षिणा (नोट और सिक्के), आरती थाली

पूजा का विधान:

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